Priyanka Verma

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लेखनी प्रतियोगिता - ओट में अस्तित्व

!!ओट में अस्तित्व!!


क्यों एक स्त्री हमेशा ओट में ही अपना अस्तित्व जीती है,
क्यों वो दुनिया से छुपते छुपाते अपना संसार बसाती है,
क्यों उसके हिस्से सिर्फ ताने और आलोचनाएं आती हैं,
क्यों अपने हक़ के लिए उसे हर बार बगावत करनी पड़ती है, 

उसका बचपन, पिता के साए में कटता है,
उसकी जवानी, पति के अधीन हो जाती है,
और उसका बुढ़ापा बच्चों के प्यार के लिए तरस जाता है,

फिर भी काट लेती हैं अपना जीवन, यूं ही हंसते मुस्कुराते,
ओट के साए में अपना वजूद संभालते संभालते,

शायद दुनिया का यही है ताना बाना, 
स्त्री को हमेशा पुरुषों से है कमतर माना ,
उनके अरमान बन जाते हैं, रोती बिलखती सिसकियां,
और वो बन कर रह जाती हैं, घुटती हुई कहानियां।।


प्रियंका वर्मा
22/6/22

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5 Comments

Seema Priyadarshini sahay

23-Jun-2022 10:42 AM

बेहतरीन रचना

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Abhinav ji

23-Jun-2022 07:44 AM

Nice

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Swati chourasia

23-Jun-2022 06:22 AM

बहुत खूब 👌👍

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